स्टडी रूम का वास्तु कैसे लाता है बच्चों में एकाग्रता, जानें और आजमाएं

स्टडी रूम वास्तु टिप्स (study room vastu) : बच्चों की बेहतर एकाग्रता में सहायक

धरती पर पाई जाने वाली अनेक प्रजातियों में से हम मनुष्य भी एक प्रजाति है। मनुष्यों को सबसे श्रेष्ठ प्राणी माना जाता है क्योंकि उसके पास शिक्षा और ज्ञान होता है, और यह ज्ञान हमें बाकी सभी प्रजातियों से श्रेष्ठ बनाता है। मनुष्य के पास जो सबसे बड़ी विशेषता है वो सीखने की है, वो कुछ भी सीख सकते है। मनुष्य अभ्यास करके पढ़ने, लिखने, अवलोकन करने में पारंगत हो सकता है।
सदियों से कुछ भी सीखने, पढ़ने और ज्ञान हासिल करने के लिए मनुष्य जिस तरीके को अपनाता है उसे अभ्यास या स्टडिंग कहते हैं।

अध्ययन करते समय, आपको ध्यान केंद्रित करना होता है, और साथ ही अटेंटिव और कंसन्ट्रेट करना होता है। असल में ये सीखने, पढ़ने या अभ्यास करने के लिए हमें शांत चित्त होकर ध्यान लगाना होता है। सीखने की यह विधि मांग करती है, अध्ययन का कमरा या जगह ऐसी हो जो बिलकुल शांत हो, जहां कोई शोर शराबा न हो, ऐसी जगह को स्टडी रूम या “अध्ययन कक्ष” के रूप में जाना जाता है।

हर घर में एक स्टडी रूम या अध्ययन कक्ष होना चाहिए जहां आपके बच्चे पढ़ाई कर सकें और ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर सकें। स्टडी रूम आपके बच्चों को सकारात्मक फल दे इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आपका स्टडी रूम वास्तु अनुसार ही निर्मित हो , ये कमरा सही जगह और दिशा में होना चाहिए, और अगर आप इस कमरे मे अपनी किताबें, मेज और अन्य सामान सही दिशा मे रखते हैं, तो यह कमरा आपको अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने मे बहुत मदद करेगा।


स्टडी रूम के लिए उपयुक्त दिशा


अपनी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के लिए अपने स्टडी टेबल की दिशा को जाने


स्टडी रूम के लिए और अधिक वास्तु टिप्स



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