खंडित मुर्तियां घर-मंदिर या ऑफिर में क्यों नहीं रखी जाती है?
हम इस बात से बिल्कुल भी इंकार नहीं कर सकते कि अधिकतर लोग जब मंदिर बनवाते हैं या फिर अपने घरों या कार्यालयों में देवताओं की मूर्ति रख रहे होते हैं, तो वे वास्तु शास्त्र के बारे में भी जानकारी जरूर रखते हैं। यदि हम अपने जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य लाना चाहते हैं, तो हमें मंदिर की दिशा और अपनी जगहों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना को लेकर पूरी तरीके से सतर्क रहना चाहिए। वैसे, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि मंदिरों में जो मूर्तियां हमने स्थापित की हैं, वे नई और ताजा बनी हुई हैं। फिर भी कभी-कभी हम टूटी हुई मूर्तियों को भी लंबे अरसे तक रहने देते हैं। यह वास्तव में बड़ा ही नकारात्मक परिणाम लाने वाला हो सकता है। हमारे घरों एवं कार्यालयों में यह नकारात्मक ऊर्जा का फैलाव कर सकता है।
एक घर ‘घर’ तभी बनता है, जबकि वहां पर हर ओर सकारात्मकता का वास होता है। उसके हर एक कोने में ऊर्जा भरी हुई होती है। ऐसे घर के निवासी ऐसी ऊर्जा के प्रभाव में आने लगते हैं, जो किसी-न-किसी तरीके से नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्या आपने कभी यह देखा है कि घर का वातावरण जब सकारात्मक होता है, तो इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी काफी बेहतर बदलाव आने लगते हैं। जब हम अपने घर में पूजा करते हैं, तो हमें गजब की शांति और आनंद की अनुभूति होती है।