उत्तर-पूर्व घर का वास्तु : जानें महत्वपूर्ण टिप्स

अगर आपका घर नॉर्थ ईस्ट फेसिंग हैं, तो संभव है कि आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्डिंग का फेस किसी भी दिशा में हो, उसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि यदि आपके घर का फेस उत्तर-पूर्व (Northeast) या उत्तर दिशा (North Direction) में हो तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां न हो और आप सदा-सर्वदा स्वस्थ रहते हुए सुख, समृद्धि एवं प्रसन्नता प्राप्त कर सकें।


उत्तर पूर्व घर का वास्तु टिप्स

घर का मुख्य दरवाजा हमेशा चौड़ा तथा बड़ा रखें

आपके घर का मुख्य द्वार (Main Gate) भवन के बाकी दरवाजों से अधिक बड़ा एवं चौड़ा होना चाहिए। घर के अन्य गेट की तुलना में मेन गेट को अधिक आकर्षक तथा सुंदर बनाएं। इससे उस घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

मास्टर बेडरूम कहां बनाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार नॉर्थ ईस्ट फेसिंग घर का मास्टर बेडरूम का फेस साउथ-वेस्ट, वेस्ट या साउथ डायरेक्शन में होना चाहिए। बेडरूम के लिए इन दिशाओं को शुभ माना गया है। सबसे बड़ी बात, इस तरह बनाए गए मास्टर बेडरूम में केवल कपल्स को ही सोना चाहिए। इस तरह प्लानिंग करने से घर शुभ बनता है तथा वहां रहने वालों को तरक्की मिलती है।

गलत दिशा में बड़ी खिड़कियां नहीं बनाएं

कभी भी घर के साउथ या साउथ-वेस्ट दिशा में बड़ी खिड़कियों का निर्माण न करवाएं। इससे घर में नुकसान पहुंचाने वाली नेगेटिव एनर्जी आती है।

घर की मुख्य दीवार

नॉर्थ ईस्ट फेसिंग घर में ईस्ट तथा नॉर्थ दिशा की दीवारों की हाइट दूसरी दिशा की दीवारों से कम होनी चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बना रहता है और सूर्य का प्रकाश तथा ऊर्जा का पूरे घर में सर्कुलेशन सुचारू रूप से होता है।

घर में पानी का स्थान

नॉर्थ ईस्ट फेसिंग बिल्डिंग में यदि आप पानी का टैंक बना रहे हैं कोई वाटर स्टोरेज सिस्टम प्लान कर रहे हैं तो उसके लिए सर्वोत्तम स्थान नॉर्थ ईस्ट कॉर्नर ही है। नॉर्थ ईस्ट दिशा में बनाए गए वाटर स्टोरेज से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है।

घर की दीवारों का कलर

यदि आप नॉर्थ ईस्ट फेसिंग घर में कौन सा कलर करवाना सही रहेगा, यह जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि वास्तु एक्सपर्ट्स ऐसे घरों में लाइट ब्लू या व्हाइट कलर करवाने की सलाह देते हैं। ब्लू कलर वाटर एलिमेंट का प्रतीक है और नॉर्थ ईस्ट दिशा में फेस करके बनाए गए घरों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

सीढ़ियों की दिशा

घर में सीढ़ियों का स्थान कभी भी मेन गेट के ठीक सामने की ओर नहीं होना चाहिए। यदि घर के मेन गेट के बाहर से सीढ़ियां एक सीध में दिखाई देती हैं तो उस घर में एनर्जी का फ्री फ्लो नहीं हो पाता और वहां कई तरह की समस्याएं आती रहती हैं।

इसी तरह सीढ़ियों के नीचे कभी भी पूजा रूम नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करना घर के लिए अत्यंत अशुभ हो सकता है।

घर में पानी का स्थान

वास्तु के अनुसार घर में वाटर फाउंटेन या एक्वेरियम को हमेशा ही नॉर्थ ईस्ट कॉर्नर में रखना चाहिए। इस दिशा में बनाया गया फाउंटेन परिवार की एकता को बनाए रखता है और वाटर फाउंटेन से घर में पैसा तथा खुशहाली आती है।

शू रैक कहां बनाएं

कभी भी घर के मेन गेट के निकट शू रैक या जूते-चप्पल खोलने का स्थान नहीं बनाना चाहिए। इन्हें मेन गेट के एक तरफ इस प्रकार बनाना चाहिए कि वे गेट खोलते ही न दिखाई दें बल्कि छिपा रहें।

मेन गेट के निकट स्टेच्यू कैसे लगाएं

बात जब खुशियों की हो तो घर में वास्तु का पूरी तरह सही होना अनिवार्य है। कभी भी घर के मेन गेट के निकट या सामने जानवरों के स्टेच्यू नहीं होने चाहिए।

वास्तु के इन नियमों का ध्यान रखने से उस बिल्डिंग में रहने वालों को कभी भी फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स का सामना नहीं करना पड़ता और उनके जीवन में सदैव खुशियां बनी रहती हैं।


FAQ's

  1. क्या नॉर्थ-ईस्ट फेसिंग घर में रहना ठीक है? (Is the Northeast Facing House Well?)
    वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख (फेसिंग) ईस्ट, नॉर्थ या नॉर्थ-ईस्ट में होना सर्वाधिक शुभ माना गया है। परन्तु इसके अलावा भी कई बातें हैं जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। जैसे कि उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। इस दिशा में सही तरह से बनाया गया घर वहां रहने वालों के लिए लक्ष्मी के भंडार खोल देता है और उन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
  2. नॉर्थ ईस्ट पर बनाया गया मेन गेट क्या वास्तु के हिसाब से बिल्कुल सही है? (Is North East Entrance Good as Per Vastu)
    वास्तु के अनुसार घर का मेन गेट ही सब कुछ नहीं होता है बल्कि मेन गेट किस तरह और कहां बनाया गया है, इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इस विषय में एक्सपर्ट्स कहते हैं कि घर का मेन गेट सुरुचिपूर्ण, सुंदर तथा सुविधाजनक होना चाहिए, साथ ही जब भी आप घर से बाहर निकलें तो आपका मुख (फेस) नॉर्थ, ईस्ट या नॉर्थ ईस्ट डायरेक्शन में हो तो ठीक रहेगा।
  3. नॉर्थ फेसिंग और ईस्ट फेसिंग दोनों में से कौन सा घर ज्यादा बढ़िया है? (Which Is the Better North Facing or East Facing House?)
    नॉर्थ और नॉर्थ-ईस्ट फेसिंग प्लॉट्स दोनों ही वास्तु के अनुसार बहुत अच्छे माने जाते हैं क्योंकि इन दोनों ही तरह के भूखंडों में सूर्य का प्रकाश और ऊर्जा अच्छी तरह मिल पाती है, खास तौर पर सर्दी के मौसम में। घर में पर्याप्त प्रकाश का होना आपके इलेक्ट्रिसिटी बिल को भी कम कर सकता है।
    पूर्व दिशा की ओर मुख वाले घरों में सुबह सूर्योदय की पहली किरण के साथ ही रोशनी आती है और दिन भर रहती है, हालांकि शाम को जल्दी ही लाइट्स ऑन करनी पड़ सकती हैं। इसी तरह सर्दियों में भी दोपहर बाद प्राकृतिक रोशनी आना बंद हो जाती है और गर्मियों में सुबह ही घर गर्म हो जाते हैं। ईस्ट फेसिंग घरों में यही एक नेगेटिव प्वाइंट है।
  4. वास्तु में नॉर्थईस्ट कॉर्नर किसे कहते हैं? (What Is the Northeast Corner in Vastu?
    वास्तु में नॉर्थ ईस्ट कॉर्नर को ही ईशान कोण भी कहा जाता है। इस कॉर्नर को पूरे घर में सर्वाधिक पवित्र तथा ऊर्जा वाला हिस्सा माना जाता है, यही कारण है कि यहां पर पूजा कक्ष स्थापित किए जाते हैं। किसी भी बिल्डिंग का नक्शा बनाते समय वास्तु में इस जगह को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है और कोशिश की जाती है कि यहां पर मौजूद पॉजिटिव एनर्जी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा सके।

आखिर में (Conclusion)

वास्तु शास्त्र में नॉर्थ-ईस्ट फेसिंग प्लॉट्स को अत्यधिक पॉजिटिव एनर्जी से भरा हुआ स्पेस माना जाता है जो यदि वास्तु के अनुकूल हो तो उस घर में रहने वाले लोगों का भाग्य चमका देता है। आप भी नॉर्थ-ईस्ट फेसिंग प्लॉट्स के लिए इन वास्तु टिप्स (Easy Vaastu tips for north-east facing houses) को आजमा कर अपना भाग्योदय कर सकते हैं और खुशहाल, सम्पन्न जीवन जी सकते हैं।



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