स्टडी रूम के लिए वास्तु टिप्स : स्टूडेंट्स के लिए क्या है जरूरी ?

किसी भी व्यक्ति के जीवन और उसके घर में बेडरूम, बाथरूम, हॉल आदि जितने महत्वपूर्ण हैं, उतना ही महत्वपूर्ण इन स्थानों का वास्तु भी है। इनके साथ ही एक चीज जिसकी अक्सर हम उपेक्षा कर जाते हैं, वह है स्टडी रूम का वास्तु। आज की कठिन पढ़ाई के जमाने में और दिनों दिन बदलते जा रहे एजुकेशन सिस्टम के समय में स्टडी रूम का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। आपको अपने बच्चों का स्टडी रूम बनाते समय वास्तु से जुड़ी कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

किसी भी घर में स्टडी रूम बहुत ही महत्व रखता है। इस जगह पर आपका बच्चा पढ़ता है, लिखता है, सोचता है, कुछ क्रिएटिव काम करता है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप इसका निर्माण भी वास्तु के अनुसार करवाएं। ऐसा करने से आपके बच्चे की एकाग्रता बढ़ेगी और वह पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे सकेगा। आपको एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि स्टडी रूम में बहुत सारी पॉजिटिव एनर्जी चाहिए ताकि बच्चा हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सके।

स्टडी रूम के माहौल को पॉजिटिव एनर्जी से युक्त और उल्लास से भरा हुआ बनाने के लिए स्टडी रूम में वास्तु के नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। मां सरस्वती विद्या की देवी है, उनकी कृपा के बिना आप एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते। यदि आपने उन्हें एक बार प्रसन्न कर लिया तो निसंदेह आपका बच्चा पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत आगे तक जाएगा।

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एजुकेशन के फील्ड में कामयाबी पाने के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Students to Get Educational Success)

इन दिनों जिस तेजी से एजुकेशन सेक्टर में परिवर्तन हो रहे हैं और नए कोर्सेज आ रहे हैं, उसे देखते हुए विद्यार्थी आसानी से भ्रमित हो रहे हैं। निश्चित रूप से आज बहुत से छात्र नहीं जानते कि उन्हें किस विषय का चुनाव करना चाहिए जो उन्हें जीवन में कामयाबी दिला सके। इसी कारण वे अच्छे नंबर पाने से भी चूक जाते हैं।

बहुत से स्टूडेंट्स अपनी मनमर्जी से सब्जेक्ट चुन भी लेते हैं, पढ़ाई भी शुरू कर देते हैं परन्तु बाद में रुचि नहीं होने के कारण तनाव में आ जाते हैं और या तो पढ़ाई छोड़ देते हैं या फिर डिप्रेशन में आ जाते हैं।

ज्योतिष का प्रयोग कर हम यह आसानी से जान सकते हैं कि किस छात्र को किस फील्ड में कामयाबी मिलेगी। इसलिए ज्योतिषी से सलाह लेने में कभी भी झिझकना नहीं चाहिए। यदि पूजा-पाठ की बात की जाए तो ज्योतिष में ऐसे बहुत से कर्मकांड बताए गए हैं जो एजुकेशन सेक्टर में आपको कामयाबी दिला सकते हैं।

इनके अलावा भी वास्तु टिप्स को आजमा कर विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं और एकाग्र होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकते हैं। इसलिए आइए जानते हैं विद्यार्थियों के लिए उपयोगी कुछ जरूरी वास्तु टिप्स

  • स्टडी रूम बनाने के लिए सर्वोत्तम दिशा ईस्ट, नॉर्थ या नॉर्थ-ईस्ट मानी गई है। इन दिशाओं को सकारात्मक एनर्जी से भरा हुआ और प्रेरणा देने वाला माना गया है।
  • स्टडी रूम को हमेशा साफ-सुथरा रखें। गंदा रूम नेगेटिव एनर्जी को लाता है जिससे मानसिक तनाव होता है और एकाग्रता तथा याददाश्त में कमी आती है। इसलिए बेहतर है कि गंदगी से यथासंभव दूर ही रहें।
  • स्टडी रूम खुला-खुला होना चाहिए। इसमें अनावश्यक चीजों की भरमार नहीं होनी चाहिए। इससे बच्चे की एकाग्रता बढ़ेगी।
  • पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह नॉर्थ या ईस्ट दिशा की ओर होना चाहिए। रूम में टेबल इस तरह रखी होनी चाहिए कि बच्चे की पीठ ठीक रूम के गेट की तरफ न दिखाई दें। टेबल भी साफ-सुथरी होनी चाहिए।
  • स्टडी टेबल और चेयर के ठीक ऊपर बीम नहीं होनी चाहिए। यदि कोई बिम आ रही हैं तो उसके नीचे एक बांस से बनी विंड चाइम लटका देनी चाहिए। विंड चाइम लटकाने से वास्तु दोष दूर हो जाएगा।
  • स्टडी रूम शेप में चौकोर या आयताकार होना चाहिए।
  • रूम में रोशनी तथा हवा का पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए। रूम में पर्याप्त साइज की खिड़की होनी चाहिए ताकि खूब रोशनी आ सकें।
  • स्टडी टेबल पर लैंप को साउथ-ईस्ट दिशा में रखना चाहिए। इससे बच्चे की एकाग्रता आश्चर्यजनक रूप से बढ़ेगी।
  • बच्चे को कभी भी खिड़की के ठीक सामने नहीं बैठना चाहिए बल्कि उन्हें खिड़की के दाईं और बैठना उचित रहता है।
  • खिड़की के निकट विंड चाइम या बांस लटकाने से रूम में नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं कर पाती।
  • बच्चे के बैठने के लिए लगाई गई चेयर आरामदायक होनी चाहिए ताकि बच्चा उस पर सुविधापूर्वक बैठ सके। टेबल के पीछे पानी की फोटो लगाने से उस जगह पर क्रिएटिव एनर्जी का फ्लो बना रहता है। इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें।
  • प्रतिदिन पढ़ाई स्टार्ट करने से पहले गणेश जी तथा सरस्वती की पूजा करने से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है। स्टडी टेबल पर गणेश यंत्र या सरस्वती यंत्र को भी रखा जा सकता है।

बच्चों की एजुकेशनल परफॉर्मेंस सुधारने के लिए उपाय (Other Tips For Students To Increase Their Performance)

  • बच्चे की ग्रहण शक्ति को बढ़ाने के लिए उसे सरस्वती कवच अथवा गणेश रुद्राक्ष (चार या पांच मुखी) धारण करवाना चाहिए।
  • बच्चों को रोजाना नियमित रूप से 36 बार गणेश मंत्र का उच्चारण करवाना चाहिए, इसके साथ ही प्रत्येक बुधवार को सरस्वती मंत्र का भी 36 बार उच्चारण करवाना चाहिए।
  • प्रत्येक मंगलवार को गुरु स्तुति का पाठ करना चाहिए एवं दत्त मंदिर में जाकर आशीर्वाद लेना चाहिए। आप चाहे तो बच्चे की कुंडली के हिसाब से पीला नीलम या एमरल्ड भी पहना सकते हैं।
  • एग्जाम के दौरान बच्चों की कंसंट्रेशन पावर को बढ़ाने के लिए गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण बात एजुकेशन ही जीवन में आगे बढ़ने और कामयाबी पाने का एकमात्र आधार है। इसलिए एजुकेशन पाने में जी-जान से जुटे रहें। विद्यार्थियों के लिए बताए गए वास्तु टिप्स आजमाएं, आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी।

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