कार पार्किंग वास्तु : इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी

आज के समय में वाहन हमारी आवश्यकता बन चुके हैं। कहीं भी जाना हो तो हम अपनी कार या दुपहिया वाहन का प्रयोग करते हैं और तुरंत कुछ देर में जाकर अपना काम कर वापिस लौट आते हैं। ऐसे में भारतीय सनातन धर्म की मान्यता अनुरूप कोई भी नया वाहन खरीदते समय उसकी पूजा की जाती है ताकि वह वाहन हमारे लिए शुभ रहें तथा सुख, समृद्धि लाने वाला हो, इसलिए घरों में पार्किंग स्पेस भी वास्तु (Car Parking Vastu) के अनुसार बनाए जाने लगे हैं। इससे वाहन की सुरक्षा होती है और घर में भी पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह सुचारू बना रहता है।

हालांकि नए वाहन की पूजा करने और वास्तु के अनुसार पार्किंग बनाने पर कुछ लोग तर्क देते हैं कि जब वास्तु का आविष्कार किया गया अथवा जब वास्तु शास्त्र की रचना की जा रही थी तब वाहन तो थे ही नहीं, फिर वास्तु टिप्स क्यों। यहां हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि वाहन हमेशा से रहे हैं, केवल समय और युग के अनुसार उनका रूप बदलता रहा है। किसी समय वाहन बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी अथवा रथ के रूप में होते थे, वही वाहन आज तकनीक का साथ पाकर तेज गति से दौड़ने वाली मशीन के रूप में हमारे उपयोग में आ रहे हैं। अत: हम आज भी प्राचीन वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर में आधुनिक व्हीकल पार्किंग स्पेस डिजाइन करवा सकते हैं।

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कार पार्किंग के लिए वास्तु में इन बातों का रखें ध्यान (Vaastu For Car Parking: Things to Follow)

कोई भी नया वाहन खरीदने के बाद यह आवश्यक है कि हम उसे रखने के लिए सही जगह चुनें जहां वह चोरों तथा तेज धूप, वर्षा जैसे मौसम से बचा रहें। कई बार हम वाहनों के एक्सीडेंट्स होने अथवा किसी गाड़ी के बार-बार खराब होने (जैसे इंजन खराब होना, अन्य तकनीकी समस्याएं आदि) की बातें भी सुनते हैं। अधिकतर ऐसी समस्याएं कार पार्किंग वास्तु के सही नहीं होने के कारण ही होती हैं। इसलिए इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए हमें वास्तु के अनुसार व्हीकल पार्किंग का निर्माण करवाना चाहिए।

भवन बनाते समय कई बातों का ध्यान रखते हुए कार पार्किंग वास्तु के नियम बताए जाते हैं। इनमें से जो जरूरी पॉइंट्स हैं, उनका ध्यान रखना हमारे लिए बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि वे कौनसी चीजें हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए।

  • सबसे पहली और जरूरी बात, कोई भी नया वाहन (चाहे वो टू-व्हीलर हो या फोर-व्हीलर) खरीदने के बाद उसकी पूजा अवश्य करवानी चाहिए। पूजा तथा अन्य धार्मिक कर्मकांड करने से पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है और वाहन लंबे समय तक सही तरह से काम करता है। इसके अलावा पूजा करना प्रकृति के प्रति धन्यवाद देने और देवताओं का आशीर्वाद लेने की ही एक क्रिया है।
  • कार पार्किंग वास्तु के अनुसार कार गैरेज भवन के नॉर्थ-वेस्ट (उत्तर-पश्चिमी) कोने में होना चाहिए। यदि ऐसा संभव नहीं हो तो आपको अपना वाहन घर की उत्तरी या पूर्वी दिशा में पार्क करना चाहिए।
  • बिजनेस करने वाले लोगों को अपना वाहन उत्तरी दिशा में पार्क करना चाहिए, इससे उनके बिजनेस में लाभ होने के अवसर बढ़ जाते हैं।
  • कार पार्किंग स्पेस के लिए टीन शेड बनवाते समय ध्यान रखें कि टीन शेड का ढाल उत्तर अथवा पूर्व की ओर हो।
  • वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व को व्हीकल पार्किंग के लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है परन्तु यदि इस जगह पार्किंग बनाना संभव नहीं हो तो वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार भवन के दक्षिण-पूर्वी कोने पर भी पार्किंग बनाई जा सकती है।
  • व्हीकल पार्किंग वास्तु के अनुसार पार्किंग एरिया का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। साथ ही इसकी चौड़ाई घर के मुख्य दरवाजे से कम होनी चाहिए।
  • गैरेज की दीवारों पर हल्के कलर जैसे व्हाइट, क्रीम, ऑफ व्हाइट, येलो या दूसरे इसी तरह के कलर प्रयोग किए जाने चाहिए।
  • गैरेज की दीवार बनाते समय घर की मुख्य दीवार से थोड़ा गैप बनाकर रखें। इससे वास्तु तो सही रहेगा ही, घर की सेफ्टी भी सुनिश्चित होती है। इस एक्स्ट्रा जगह या गैप से घर में नेगेटिव एनर्जी नहीं आ पाती।
  • यदि घर में पार्किंग स्पेस बनाने के लिए जगह न हों तो आप उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में अप नी गाड़ी पार्क कर सकते हैं। इस तरह पार्क किए गए व्हीकल्स व्हीकल ऑनर के लिए शुभ होते हैं।
  • गैरेज जाने के रास्ते को हमेशा साफ-सुथरा रखें और उसका समय-समय पर रखरखाव करते रहें। इससे वाहन को बाहर निकालने में आसानी होने के साथ-साथ घर को भी पॉजिटिव वाइब्स मिलती है।

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कार पार्किंग वास्तु में इन चीजों को न करें (Things To Avoid As Per Car Parking Vaastu)

वास्तु शास्त्र तथा भारतीय शिल्पकला के अनुसार कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें करने से हमें यथासंभव बचना चाहिए। जानिए क्या हैं ये नियम-

  • अपने वाहन को साउथ या वेस्ट दिशा में पार्क करने से यथासंभव बचना चाहिए। इससे वाहनों में अग्नि संबंधी दुर्घटना होने या वाहनों के खराब होने की शिकायत ज्यादा आने लगती है।
  • व्हीकल को भूल कर भी दक्षिण-पश्चिम (साउथ-वेस्ट) डायरेक्शन में पार्क नहीं करें। इससे वाहनों की उम्र कम होती है और उन्हें बार-बार रिपेयर के लिए ले जाना पड़ता है।
  • दक्षिण दिशा में गाड़ी पार्क करने से घर में नेगेटिव एनर्जी आती है।
  • यदि आपको घर में या वाहन चलाते समय कभी किसी तरह की नेगेटिव फीलिंग्स का अनुभव हो तो आपको कार के डैशबोर्ड पर गोल्ड प्लेटेड वास्तु यंत्र स्थापित करना चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर होगा और पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी।
  • गैरेज में किसी भी प्रकार की ज्वलनशील वस्तु या पदार्थ को रखने से बचें। इससे वाहनों के आग पकड़ने का डर नहीं होगा।

इस प्रकार हम देखते हैं कार और बाइक पार्किंग करने के लिए वास्तु के कुछ नियम बताए गए हैं जिन्हें फॉलो करने से व्हीकल भी सही रहते हैं और व्हीकल ऑनर के लिए भी शुभ होता है।



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